भारत को विश्वगुरू बनाना है-भागवत

रांची। झारखंड की राजधानी रांची में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान मोहन भागवत ने कहा कि RSS का विस्तार देश के लिए है, क्योंकि हमारा लक्ष्य भारत को विश्वगुरू बनाना है। मोहन भागवत ने कहा कि ‘संघ को बड़ा करना है, क्योंकि अपने देश को बड़ा करना है। विश्वगुरू देश बनाना है, क्योंकि इसकी आवश्यकता है। भारत को अपने लिए बड़ा नहीं बनना है।’
राष्ट्रवाद पर बोलते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि ‘राष्ट्रवाद का दुनिया में अच्छा अर्थ नहीं है। कुछ वर्ष पूर्व ब्रिटेन जाना हुआ। वहां कुछ बुद्धिजीवियों से मुलाकात होनी थी। उससे पहले 40-50 कार्यकर्ताओं से संघ के बारे में चर्चा हुई। कार्यकर्ताओं ने कहा कि यहां बातचीत में शब्दों के अर्थ भिन्न हो जाते हैं, इसलिए आप राष्ट्रवाद शब्द का इस्तेमाल नहीं कीजिएगा, क्योंकि यहां राष्ट्रवाद का मतलब होता है हिटलर, नाजीवाद, फासीवाद। अब ऐसे ही यह शब्द बदनाम हुआ है। ‘भागवत ने कहा कि ‘आज की दुनिया को भारत की आवश्यकता है। कट्टरपंथी, पर्यावरण जैसी जो अनेक समस्याएं खड़ी होती हैं, जिसे लेकर दुनिया में अशांति है, इसे मानव ने खुद इजाद किया है।इसे लेकर राहत देने वाला कोई नहीं है। युद्धिष्ठिर के समय से भारत का स्वभाव दुनिया की कमी को पूरा करनेवाला रहा है। दुनिया को तो जोड़नेवाला तत्व पता ही नहीं है।’
पूर्व राष्ट्रपति प्रमब मुखर्जी से मुलाकात को याद करते हुए भागवत ने कहा कि ‘जब प्रणब दा राष्ट्रपति थे तो उनसे मिलने गया था। उन्होंने कहा कि हमारा देश ऐसा है जो विविधता को स्वीकार करता है। ये बात हमारे संविधान में है। ये इसलिए ऐसा नहीं हुआ कि हमारे संविधान निर्माता ऐसे थे, ऐसी हमारी परंपरा रही है। ये विविधता एक से ही निकली है। ‘भागवत ने जोर देते हुए कहा कि ‘हमें किसी से डर कर एक नहीं होना है। हम एक हैं इसलिए सबको एकसाथ आना है। हम अपने लिए नहीं जीते, एक दूसरे के लिए जीते । जो त्याग से जीएगा वो ही महान है।'(साभार)

Related Posts
COMMENTS

LEAVE A REPLY

Your Email Address Will Not Be Published